देहरादून। उत्तराखंड में एलयूसीसी घोटाले के बाद अब एक और बड़े वित्तीय फरेब का खुलासा हुआ है। राजधानी देहरादून में सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन, दून समृद्धि निधि लिमिटेड और दून इंफ्राटेक कंपनी पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप लगा है। शनिवार को दर्जनों पीड़ित निवेशकों ने एसएसपी देहरादून से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई।
निवेशकों ने बताया कि इन कंपनियों ने लोकलुभावन योजनाओं जैसे दैनिक जमा, आवर्ती जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इन्वेस्टमेंट प्लान और सुकन्या योजना के नाम पर लोगों को निवेश के लिए लालच दिया। अतिरिक्त ब्याज और बेहतर रिटर्न का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम जमा कराई गई। लेकिन समय पूरा होने के बाद न तो ब्याज दिया गया और न ही मूलधन वापस किया गया। अब कंपनी के संचालक और अधिकारी फरार बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने दर्ज किया केस, खाते सीज
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून के आदेश पर थाना नेहरू कॉलोनी में मु.अ.सं. 348/25 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम की धारा 22/4, उत्तराखंड जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम की धारा 3, और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 316(2), 318(4) तथा 61(2) के तहत मामला कायम किया गया है।
दून पुलिस ने कंपनियों से जुड़े सभी बैंक खातों को सीज कर दिया है। साथ ही, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है।
निवेशकों से अपील
एसएसपी देहरादून ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच चल रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी निजी संस्था या कंपनी में पैसा निवेश करने से पहले उसकी वैधता और पंजीकरण की पूरी जांच जरूर करें, ताकि इस तरह की ठगी से बचा जा सके।
देहरादून पुलिस ने जनता से यह भी कहा है कि यदि किसी को भी इस घोटाले से संबंधित जानकारी या सबूत मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।





