---Advertisement---

केदारघाटी ने आशा पर दिखाया विश्वास, महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक बरकरार

By: Mr Rahim

On: Saturday, November 23, 2024 9:29 AM

Google News
Follow Us
---Advertisement---

केदारनाथ विधानसभा सीट के नतीजे आ गए हैं। केदारघाटी की जनता से भाजपा के पक्ष में जनादेश दिया। इसी के साथ हॉट सीट केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भाजपा ने दोहराया है। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया। वर्ष 2017 के बाद वह एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरीं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में वह केदारनाथ विस की पहली विधायक चुनी गईं, तब वह भाजपा से प्रत्याशी थीं। वर्ष 2007 में भी उन्हें क्षेत्रीय जनता ने अपना विधायक चुना था। इसके बाद दो बार चुनाव में उन्हें पराजय मिली। ऊखीमठ विकासखंड के दिलमी गांव निवासी आशा नौटियाल एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं।
1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं
उनके पति रमेश नौटियाल पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। वह वर्ष 1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 1997-98 में उन्हें भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और वर्ष 1999 में उन्हें महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष चुना गया।

सौम्य व्यवहार और निरंतर जनसंपर्क की वजह से वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में आशा नौटियाल को भाजपा ने केदारनाथ विस से प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुईं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को पराजित किया था।

आशा नौटियाल की जब पुन: पार्टी में हुई वापसी
वर्ष 2007 में भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर सिंह नेगी को पराजित कर विजयश्री हासिल की। वर्ष 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी घोषित हुईं, पर इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया, जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।कुछ समय बाद आशा नौटियाल की पुन: पार्टी में वापसी हुई और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2022 में पार्टी ने पुन: शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद वह सीधे हाईकमान के संपर्क में आ गईं। इस बार सदस्यता अभियान में भी वह गांव-गांव संपर्क करती दिखीं। विस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।

For Feedback - feedback@example.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment