हरिद्वार: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक प्रकरण में अब एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सोमवार को हरिद्वार में आयोजित जनसुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र में पूछे गए छह सवाल आयोग के परीक्षा नियंत्रक की किताब से ही लिए गए थे। इस खुलासे ने आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार में हुई जनसुनवाई के दौरान उड़ान कोचिंग सेंटर के संचालक रविंद्र शर्मा ने जांच आयोग के समक्ष यह मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने परीक्षा नियंत्रक द्वारा लिखित “उत्तराखंड राजव्यवस्था एवं प्रशासन” किताब पढ़ने के लिए खरीदी थी। लेकिन जब उन्होंने परीक्षा प्रश्नपत्र देखा तो उसमें ठीक वही छह सवाल उसी किताब से लिए गए थे।
इस खुलासे ने आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी को भी हैरान कर दिया। न्यायमूर्ति ध्यानी ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताया और कहा कि यह परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बिंदु को जांच रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
रविंद्र शर्मा ने आयोग से इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की और कहा कि जब परीक्षा नियंत्रक की किताब से ही सवाल पूछे जा रहे हैं, तो यह परीक्षा की निष्पक्षता को प्रभावित करता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि इस पूरे प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
जनसुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ध्यानी ने अभ्यर्थियों और कोचिंग संचालकों से अपील की कि यदि उनके पास और कोई प्रमाण या साक्ष्य हों, तो वे आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें ताकि जांच और ठोस हो सके।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब यूकेएसएसएससी पहले ही कई भर्ती परीक्षाओं में लीक और गड़बड़ियों के आरोपों से घिरा हुआ है। अब परीक्षा नियंत्रक की किताब से सवाल उठाए जाने का यह मामला आयोग की साख पर एक और बड़ा दाग साबित हो सकता है।





