देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीव हमलों में मारे जाने वाले लोगों के परिवारों को दी जाने वाली मुआवज़ा राशि में बड़ा इज़ाफा किया है। अब मृतकों के परिजनों को पहले की तरह 6 लाख नहीं, बल्कि 10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा वन्यजीव सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर की।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में पिछले 25 वर्षों में वन्य जीवों की वजह से कुल मिलकर 1250 से अधिक लोगों की मौत और 6000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। जिसके बाद से सरकार ने मुआवजे की राशि बढ़ाने का फैसला लिया है।
आर्थिक रूप से मिलेगी सहायता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में बीते कुछ वर्षों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे कई निर्दोष लोगों की जानें जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पीड़ित परिवारों को आर्थिक रूप से सहारा देना और ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना है।
सीएम ने यह भी बताया कि आने वाले समय में राज्य के जंगलों में आधुनिक निगरानी तकनीकें, जैसे ड्रोन सर्विलांस और GPS ट्रैकिंग सिस्टम, लागू किए जाएंगे ताकि वन्यजीवों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और लोगों को समय पर अलर्ट दिया जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले के वन विभाग को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने का काम सौंपा जाए, जहाँ अक्सर बाघ, गुलदार या हाथियों के हमले होते हैं, ताकि वहां सुरक्षा उपाय और जागरूकता अभियान चलाए जा सकें।
सीएम ने दी चेतावनी
सीएम धामी ने बताया कि कोई कोई लोग मुआवजे की लालच में आकर बुजुर्गों, दिव्यांग या मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्तियों को जानबुझकर जंगल की ओर भेज देते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया गया ओर ऐसी घटनाओं में मुआवजे का दावा करेगा तो वह अपराध होगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।





