देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ते ही बीजेपी ने डिफेंस मोड अख्तियार कर लिया है। बीजेपी का कहना है कि धामी सरकार के सत्ता में आने के पहले से ही प्रदेश में नकल माफिया सक्रिय थे। वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी का कुतर्क बताया है।
बीजेपी का दावा।
बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि सरकार नकल माफियाओं को जेल में डालने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने विपक्ष की मंशा को सवालों के घेरे में बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस षड्यंत्र के तहत सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस का आरोप।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल ने कहा कि बीजेपी साफतौर से कह रही है कि धामी सरकार के आने से पहले ही पेपर लीक माफिया प्रदेश में सक्रिय थे। यानी कि यह सीधा-सीधा आरोप बीजेपी की पिछली सरकार चलाने वाले त्रिवेंद्र रावत पर है।
पेपर लीक मामले की जांच।
यूकेएसएसएससी की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक को लेकर कुछ संगठनों की ओर से भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। यूकेएसएसएससी के अनुसार, पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है, लेकिन जांच की जा रही है।
बीजेपी का आरोप।
मनवीर चौहान ने कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल का पहले से बोलबाला रहा है। जिसे धामी सरकार ने ही पकड़ा है। आज तमाम राजनीतिक दल दलीलें दे रहे हैं, लेकिन राजनीतिज्ञ तब जानबूझकर चुप्पी साधे रहे।
कांग्रेस का दावा।
सुजाता पॉल ने कहा कि परीक्षा शुरू होती ही आधे घंटे के भीतर तीन पन्ने बाहर आ जाना और बीजेपी का ये जवाब देना कि ये साजिश के तहत हुआ। कहीं ना कहीं बताता है कि सरकार का खुफिया तंत्र बेहद निष्क्रिय हो चुका है।
निष्कर्ष।
उत्तराखंड में पेपर लीक का मामला अब सियासी रंग लेता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और कौन सी पार्टी अपने आरोपों को साबित कर पाती है।





