उत्तराखंड : उत्तराखंड के मदरसों में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि कई मदरसे में पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के नाम पर सरकारी मिड-डे मील के पैसा लिया जा रहा था। इस खेल की पोल तब खुली जब प्रशासन ने रुड़की के चार मदरसों में छापामारी की और दस्तावेजों की जांच की।
उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड भंग की घोषणा के बाद से प्रदेश में माहौल गरमाया हुआ है। जिसके बाद शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों ने रुड़की के चार मदरसों पर बड़े स्तर पर छापेमारी की। जिसमें पाया गया कि कुछ मदरसों में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के नाम पर मिड डे मील के लिए सरकार से पैसा लिया जा रहा था और मिड डे मील के लाखों के पैसे मदरसों के प्रबंधक के खाते में पाए गए हैं।
जांच में क्या पाया गया
छापेमारी के लिए बुधवार को ज्वाइंट मजिस्ट दीपक चंद्र ने चार टीमें बनाई जिसने शहर की चार मदरसों पर अचानक छापेमारी की। एक टीम तहसीलदार विकास अवस्थी के नेतृत्व में भंगड़ी महावतपुर के मदरसा तूल आलीम पब्लिक स्कूल पहुंची। जहां छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ।
दस्तावेजों की जाँच में यह पता चला कि 2-3 साल पहले पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के नाम अब भी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज हैं।मिड-डे मील के चेक तीन लाख रुपये सीधे मदरसा प्रबंधक के खाते में पाए गए।
जांच टीम ने बिल और राशन आपूर्ति के दस्तावेज नहीं पाए।
दूसरी टीम ग्रीन पार्क स्थित मदरसा “जामिया फैज़-ए-आम” में पहुंची। जहां पाया गया कि 75 पंजीकृत छात्रों में से सिर्फ 20–25 ही मौजूद मिले; बाकी नाम केवल रिकॉर्ड में दर्ज।जिनके बारे में वहां पढ़ रहे छात्रों को भी नहीं पता था।मदरसे में मिड-डे मील के बर्तन व राशन गायब मिले।
तीसरी मदरसा”जामिया दारुल फलां” में 36 छात्रों में से 23 का रिकॉर्ड पुराने नामों पर पाया गया है जो पढ़ाई छोड़ चुके थे।तभी भी बच्चों के नाम पर मिड डे मील का लाभ लिया जा रहा था।
आखिरी मदरसा, सोत मोहल्ला स्थित मकदूम बक्श में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया।
छापेमारी के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक चंद्र शेट ने बताया कि, छापेमारी की पूरी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। छापेमारी के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी अभिषेक शुक्ल और रामनगर हाइस्कूल के प्रधानाचार्य एन डी शर्मा भी शामिल रहे।





