देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की SIT जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी इंजीनियर खालिद मलिक ने बेहद गहरी साज़िश रचकर परीक्षा प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर बाहर भेजी थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कैसे रची गई पेपर लीक की साजिश?
खालिद की बनाई गई योजना के अनुसार, उसको एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो उसको पेपर में आने वाले प्रश्नों के उत्तर बता सके। जिसके लिए उसने टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन से मुलाकात की। खालिद सुमन को 2018 से जनता था वह उससे पीडब्ल्यूडी में संविदा पर कनिष्ठ अभियंता के पद पर 2021 में नियुक्त रहने के दौरान से जनता था। खालिद को पता था कि सुमन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रहती थी और उसको प्रश्नों की अच्छी जानकारी थी। जिसके बाद खालिद ने अपनी बहन के एग्जाम की तैयारी में मदद कराने के लिए उसे संपर्क किया और सहायता का अनुरोध भी किया था।
खालिद ने पहले से ही योजना बनाकर मोबाइल फोन परीक्षा केंद्र में छिपाया था।परीक्षा शुरू होते ही उसने प्रश्नपत्र के फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजे।साबिया ने ये फोटो टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सुमन को फॉरवर्ड किए।सुमन ने प्रश्नों के जवाब लिखकर वापस साबिया को भेजे और फिर साबिया ने उन्हें खालिद को पहुंचाया।लेकिन, इनविजीलेटर की सख्ती के कारण खालिद समय पर अपने OMR शीट में ये उत्तर भर नहीं पाया था।
पुलिस की कार्रवाई
SIT ने पहले खालिद की बहन साबिया को गिरफ्तार किया।इसके बाद फरार चल रहे खालिद की लगातार तलाश की गई और 23 सितम्बर को रायपुर थाने की टीम ने उसे पकड़ लिया।पुलिस ने खालिद से घंटों पूछताछ की और उससे बरामद मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए FSL भेजा।

खालिद की कहानी:
पुलिस पूछताछ में खालिद ने स्वीकार किया कि उसने 2013 में राजस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और स्नातक हापुड़ (यूपी) से किया।कई प्रतियोगी परीक्षाओं में थोड़े अंकों से असफल होने पर उसने नकल से पास होने की योजना बनाई।इसके लिए उसने अलग-अलग जनपदों से परीक्षा फॉर्म भरे ताकि मौका मिलने पर मोबाइल के जरिये नकल कर सके।परीक्षा से एक दिन पहले ही उसने आईफोन 12 मिनी परीक्षा केंद्र की अधूरी बिल्डिंग में ईंटों और घास के बीच छिपा दिया था।
गिरफ्तारी से पहले का सफर
पेपर आउट होने के बाद खालिद को सोशल मीडिया पर खबर लग गई कि उसके द्वारा खींची गई फोटो बाहर वायरल हो चुकी हैं। घबराकर वह दिल्ली भाग गया, वहां से लखनऊ गया और रास्ते में इस्तेमाल किए गए फोन और सिम को तोड़कर फेंक दिया। बाद में वह हरिद्वार लौटा और देहरादून में सरेंडर की तैयारी कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस का बयान
पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में किसी संगठित गिरोह के शामिल होने का सबूत नहीं मिला है। साथ ही यह भी साफ हुआ है कि खालिद ने पेपर के फोटो बाहर भेजे जरूर थे, लेकिन OMR शीट में वह सही उत्तर नहीं भर पाया। इसके बावजूद पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य लोगों की भूमिका की थी।





