देहरादून: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में फिर पेपर लीक का साया है। परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद पेपर के तीन पेज सोशल मीडिया में वायरल होने लगे। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को हिरासत में लिया है।
एसएसपी अजय सिंह ने प्रेसवार्त कर कहा कि परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर जो चर्चाएं थीं उस पर कार्रवाई की गई है। इस संबंध में दो लोग हिरासत में लिए गए हैं। जो अभी तक साक्ष्य आए हैं, उस पर प्रथम दृष्टया संगठित चैन या गैंग नहीं है।
कहा कि 1:35 पर पेपर आउट होने का वीडियो वायरल हुआ था। परीक्षा लीक तब मानते हैं जब वह एक मिनट पहले भी हो, यदि कोई शरारत करना चाहे तो चोरी छिपे एक कॉपी हर टेबल पर ओएमआर शीट रखी होती है। अभ्यार्थी नहीं आता तो कोई उस शीट के पेपर खींच सकता है। एक सहायक प्रोफेसर को जवाब लेने के लिए स्क्रीन शॉट भेजा गया था। यह पेपर एक सेंटर से आया था। परीक्षा को बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया। पुलिस में शिकायत करने से भी रोका गया था।
स्क्रीन शॉट भेजने वाला लड़का हिरासत में है, उसने किसी की मदद के लिए सहायक प्रोफेसर को भेजा था, ताकि वह जवाब दें दें। यह लिमिटेड स्केल पर वन टू वन स्क्रीन शॉट गया। कोई गैंग की भूमिका इसमें नहीं है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि एक लाख 54 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे। पेपर की शुचिता पर कोई असर नहीं है। हरिद्वार के केंद्र पर कहां चूक हुई है, इसकी जांच होगी।
हाकम भेजा गया जेल, उसके पुराने हाकिम खोजेगी पुलिस
हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को अदालत ने रविवार को जेल भेज दिया। दूसरी ओर पुलिस उसके पुराने हाकिमों का पता लगाने में जुट गई है, जो साल 2022 में उसके साथ पकड़े गए थे। इनमें परीक्षा नियंत्रक, पूर्व अध्यक्ष, सेक्शन ऑफिसर्स आदि शामिल थे। उस दौरान सचिव व अन्य अधिकारियों के खिलाफ विजलेंस जांच भी हुई थी। इन सभी को 13 महीने जेल में रहने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। ये सभी आरोपी एक बार फिर एसटीएफ की रडार पर हैं।
आशंका है कि हाकम की तरह वे भी परीक्षा में सेंध लगाने या अभ्यार्थियों को झांसा देकर रुपये ऐंठने की साजिश में शामिल हो सकते हैं। दोनों आरोपियों को दोपहर में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां पुलिस के अनुरोध पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि दोनों आरोपियों से शुरुआती पूछताछ पूरी हो चुकी है, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ा जा रहा है। आगे आवश्यकता होने पर आरोपियों को रिमांड पर लिया जा सकता है।





