रिखणीखाल: उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड खत्म करने के फैसले के बाद शुरू हुआ विवाद अब और गहराने लगा है। कुछ मजहबी संगठनों के विरोध के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कट्टरपंथियों को कड़ा संदेश दिया है। रविवार को रिखणीखाल स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में सीएम धामी ने कहा कि जो लोग प्रदेश की शांति और सनातन संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर “ऑपरेशन कालनेमी” के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक छह हजार लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है।

मुख्यमंत्री रविवार को रिखणीखाल के राजकीय इंटर कॉलेज में शहीद स्मरण समारोह पहुंचे थे , जहां उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मदरसा बोर्ड समाप्त करने का निर्णय राज्य में पारदर्शिता और समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम था।लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्व पहचान छुपाकर समाज में भ्रम फैलाने और सरकार की जनकल्याण योजनाओं पर कीचड़ उछालने का काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसे लोगों के आगे झुकने वाली नहीं।

इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने 102 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि विवादों और विरोधों के बावजूद सरकार राज्य के समग्र विकास और सुशासन के लिए दृढ़ता से काम कर रही है।
कार्यक्रम में सीएम धामी ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और वीर नारियों, शहीदों के परिजनों तथा पूर्व सैनिकों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जहां लगभग हर घर से कोई न कोई सदस्य सेना से जुड़ा है, और राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है।
सीएम धामी ने आगे कहा कि राज्य सरकार सुशासन और सामाजिक संतुलन के लिए “लव जिहाद”, “धर्मांतरण”, “नकल विरोधी कानून” और “यूनिफॉर्म सिविल कोड” जैसे ऐतिहासिक कदम उठा चुकी है। उत्तराखंड को सामाजिक बुराइयों से मुक्त “देवभूमि” बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।





