उत्तराखंड : उत्तराखंड में एसआईआर लागू होने से पहले निर्वाचन आयोग ने प्री-एसआईआर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका मकसद यह है कि पहले ही बड़ी संख्या में मतदाताओं का सत्यापन हो जाए, ताकि बाद में एसआईआर लागू होने पर लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। इस अभ्यास के लिए मतदाताओं को अभी कोई दस्तावेज़ नहीं देना होगा।
गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि प्री-एसआईआर के तहत राज्य में 70% तक मतदाताओं का सत्यापन पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बीएलओ (BLO) अपने-अपने बूथ क्षेत्रों में रोजाना 40 साल से अधिक उम्र के करीब 30 मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। प्रेसवार्ता में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रकाश चंद्र और सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास भी मौजूद थे।
डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि अभी उत्तराखंड में एसआईआर की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। जब भारत निर्वाचन आयोग एसआईआर का आधिकारिक आदेश जारी करेगा, तब 40 साल से कम उम्र के मतदाताओं को अपने आधार कार्ड के साथ तय किए गए 11 दस्तावेज़ों में से किसी एक के आधार पर सत्यापन कराना होगा।
उन्होंने बताया कि एसआईआर का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मतदाता का नाम देश की केवल एक ही मतदाता सूची में दर्ज हो। मतदाताओं की सुविधा के लिए बीएलओ अभी से घर-घर जाकर बातचीत कर रहे हैं और पूरी प्रक्रिया को एक अभियान की तरह चलाया जा रहा है।
सभी जिलों में हेल्प डेस्क बनाई जाएगी
निर्वाचन आयोग मतदाताओं को सहायता देने के लिए हर जिले के जिलाधिकारी कार्यालय और निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के दफ्तर में हेल्प डेस्क स्थापित करेगा। यहां मतदाता सत्यापन और एसआईआर से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
मतदाता ऑनलाइन ऐसे खोज सकेंगे अपना नाम
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 2003 की मतदाता सूची उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट www.ceo.uk.gov.in और केंद्र की वेबसाइट www.voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है।
मतदाता अपने वोटर कार्ड नंबर, नाम या पिता के नाम से 2003 की सूची में अपना रिकॉर्ड खोज सकते हैं।
इसी आधार पर बीएलओ यह मैपिंग करेंगे कि मतदाता का नाम वर्तमान वोटर लिस्ट में सही तरीके से दर्ज है या नहीं।





