देहरादून: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की नई रिपोर्ट ने उत्तराखंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ISRO के Landslide Atlas of India के अनुसार, राज्य के रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों को पूरे देश में सबसे ज्यादा भूस्खलन जोखिम वाला इलाका बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 147 जिले भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील हैं, लेकिन इनमें से सबसे ऊपर उत्तराखंड के ये दोनों जिले हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रुद्रप्रयाग जिला भूस्खलन जोखिम में देश में पहले स्थान पर है और टिहरी गढ़वाल दूसरा सबसे ज्यादा खतरे वाला जिला है।
साथ ही राज्य के अन्य जिले जैसे – चमोली (19वां), उत्तरकाशी (21वां), पौड़ी (23वां) और देहरादून (29वां) स्थान पर हैं।जानकारी के अनुसार 1998 से 2022 तक इकट्ठा किए गए डेटा में साफ दिखा है कि उत्तराखंड में भूस्खलन के मामले लगातार बढ़े हैं।
खतरे की वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में बढ़ता अनियोजित निर्माण, सड़कों की कटिंग, वनों की कमी और भारी वर्षा इसकी बड़ी वजह हैं। खासकर केदारनाथ मार्ग (NH-107), जोशीमठ क्षेत्र, और कई ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन का खतरा सबसे ज्यादा है।
प्रशासन के लिए चेतावनी
ISRO की रिपोर्ट के बाद आपदा प्रबंधन विभाग को उच्च सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में नियमित मॉनिटरिंग की जाए।ढलानों पर बस्तियों और निर्माण को लेकर सख्त नियम बनाए जाएं। साथ ही सड़क और पुल जैसी परियोजनाओं में भूगर्भीय स्थिरता का खास ध्यान रखा जाए।





