देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए पहचान पत्रों और लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े नियमों को सरल और अधिक व्यावहारिक बना दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है।
अब सिर्फ आधार नहीं, कई दस्तावेज होंगे मान्य
पहले जहां यूसीसी में पहचान का प्रमाण केवल आधार कार्ड तक सीमित था, अब सरकार ने उसकी परिभाषा को विस्तारित कर दिया है।
नई नियमावली के तहत अब पहचान के लिए निम्न दस्तावेज भी मान्य होंगे जिसमें पासपोर्ट,वोटर आईडी,राशन कार्ड,पैन कार्ड,ड्राइविंग लाइसेंस ,केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी कोई अन्य वैध दस्तावेज शामिल रहेंगे।
इस बदलाव के बाद नागरिकों को पहचान के लिए एक ही दस्तावेज पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
लिव-इन रिलेशनशिप नियमों में बदलाव
लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़ी प्रक्रियाओं में भी महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।अब रजिस्ट्रेशन आवेदन मिलने के 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी।अगर आवेदन अस्वीकार होता है, तो संबंधित व्यक्ति 45 दिनों के भीतर अपील कर सकेगा।पहले अपील की अवधि 30 दिन थी।
इन संशोधनों का मकसद है कि लिव-इन जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और उन्हें किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचाया जा सके।
विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में भी राहत
विवाह पंजीकरण और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों में उप-निबंधक को अब अतिरिक्त जानकारी मांगने के लिए 5 दिन का समय मिलेगा।वहीं, तत्काल मामलों में यह समय सीमा 24 घंटे तय की गई है।
“सरकार जनता की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी के नियमों में किए गए ये बदलाव जनता की सुविधा के लिए हैं।
उन्होंने कहा, हमारी कोशिश है कि कोई भी नागरिक सरकारी प्रक्रिया में अनावश्यक जटिलताओं से न गुजरे।
गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि इस नियमावली को अब कैबिनेट की अगली बैठक में औपचारिक स्वीकृति के लिए लाया जाएगा।





