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देहरादून में DSP लाखों गंवाए, लक्सर में प्रधान की सतर्कता से बची लोगों की रकम

By: Neetu Bhati

On: Friday, November 21, 2025 11:02 AM

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देहरादून/लक्सर। उत्तराखंड में साइबर ठगी के दो ताजा मामले सामने आए हैं। एक ओर देहरादून में फर्जी वीडियो के झांसे में आकर पुलिस के ही डिप्टी एसपी करीब दो लाख रुपये गवा बैठे, जबकि दूसरी ओर लक्सर क्षेत्र में गांव के प्रधान की सतर्कता ने कई लोगों की मेहनत की कमाई लुटने से बचा ली। दोनों घटनाएं साइबर अपराध को लेकर जागरूकता के बिल्कुल विपरीत हालात दिखाती हैं।

पहला मामला पटेलनगर कोतवाली में दर्ज कराया गया। शिकायत के अनुसार साइबर ठगों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का एआई आधारित डीपफेक वीडियो तैयार कर सोशल मीडिया पर विज्ञापन के रूप में डाल दिया। वीडियो में वित्तमंत्री एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप ‘विक्सो ट्रेड’ की तारीफ करती नजर आ रही थीं।

7 अक्टूबर को बंजारावाला निवासी डिप्टी एसपी रविकांत सेमवाल इस वीडियो के झांसे में आ गए और विज्ञापन में दिए लिंक पर अपनी जानकारी भर दी। इसके बाद विदेशी नंबर से कॉल आया और ठगों ने उन्हें कम रकम निवेश कर ट्रेडिंग शुरू करने को कहा।

पहले 18,803 रुपये जमा कराए गए, विश्वास बढ़ाने के लिए 1,687 रुपये का नकली मुनाफा भेजा गया.इसके बाद सेमवाल ने 2 लाख रुपये एक व्यक्ति राशिद के खाते में डाल दिए।बाद में जब उन्होंने पैसा निकालना चाहा तो पूरा सिस्टम ब्लॉक मिला। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

लक्सर में सरकारी योजना का झांसा देकर ठगी की कोशिश

वहीं दूसरा मामला लक्सर क्षेत्र के मुंडाखेड़ा खुर्द गांव का है। इसमें साइबर अपराधियों ने सरकारी योजना का हवाला देकर लोगों को ठगने की कोशिश की। ग्रामीणों को फोन कर ठग खुद को “केंद्र सरकार का कर्मचारी” बताते हैं और दावा करते हैं कि नई योजना के तहत हर परिवार को 11,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
इसके लिए लाभार्थियों से ऑनलाइन पंजीकरण के नाम पर व्यक्तिगत और बैंक संबंधी जानकारी मांगी गई।

प्रधान की कार्रवाई से गांव में बची कई लोगों की कमाई

गांव के प्रधान सहदेव परमार ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में लगभग 20 से अधिक ग्रामीणों के पास ऐसे कॉल पहुंचे। कुछ लोग ठगों की बातों में आकर अपनी डिटेल दे बैठे, जिनमें से एक ग्रामीण के खाते से 50,000 रुपये,दूसरे के खाते से 4–5 हजार रुपये निकाल लिए गए।

जैसे ही प्रधान को मामले की जानकारी मिली, उन्होंने पूरे गांव में मुनादी कराकर लोगों को सावधान किया। उनकी समय रहते उठाई गई पहल से कई ग्रामीण ठगी का शिकार होने से बच गए।

साइबर ठगों से बचने की जरूरत

दोनों घटनाएं इस बात की चेतावनी हैं कि साइबर अपराधी आजकल डीपफेक वीडियो, सरकारी योजनाओं और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नाम पर आम लोगों को ही नहीं बल्कि अधिकारियों को भी निशाना बना रहे हैं।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी वीडियो, लिंक या कॉल पर तुरंत भरोसा न करें,किसी भी तरह की योजना, निवेश या सरकारी लाभ की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट से ही जांचें। अनजान नंबर और ऐप के माध्यम से पैसे ट्रांसफर न करें

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