चमोली: उत्तराखंड के चमोली ज़िले में गुरुवार सुबह अचानक बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस प्राकृतिक आपदा में कुंतरी और धूर्मा गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। तेज़ बारिश और नालों में अचानक आए पानी और मलबे ने घरों और खेतों को अपनी चपेट में ले लिया। कई मकान जमींदोज हो गए, सड़कों पर आवाजाही ठप पड़ गई और ग्रामीण भयभीत होकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।

चमोली के नंदानगर क्षेत्र मे दैर रात बादल फटने से भीषण तबाही मच गई।बादल फटने के कारण सबसे ज्यादा नंदानगर तहसील के अंतर्गत कुन्तरी लगाफाली, सरपाणी और धुर्मा गांव प्रभावित हुए हैं। स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, इस आपदा में अब तक 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं। गांवों में कुल मिलाकर दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें कई पूरी तरह ढह गए। खेतों में लगी फसलें और पशुधन भी इस तबाही की चपेट में आ गए हैं।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुट गईं। सड़क मार्ग बंद होने के कारण बचाव दलों को पैदल ही कठिन रास्तों से गांवों तक पहुँचना पड़ा। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं, जहाँ राशन, कंबल और प्राथमिक दवाइयाँ पहुँचाई जा रही हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है और ग्रामीण भी लापता लोगों की खोज में बचाव दलों की मदद कर रहे हैं।साथ ही अब तक 200 से ज्यादा लोगो को सुरक्षित स्थानो पर पहुँचाया गया है।

जिला प्रशासन ने कहा है कि सबसे बड़ी प्राथमिकता लापता लोगों की तलाश और घायलों का इलाज है। साथ ही प्रभावितों के लिए भोजन और सुरक्षित आवास की व्यवस्था की जा रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिस कारण राहत और बचाव अभियान सतर्कता के साथ चलाया जा रहा है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने बताया कि मेडिकल टीम के साथ-साथ तीन 108 एम्बुलेंस भी मौके पर तैनात की गई है ताकि घायलो का तुरंत उपचार हो सके।





