देहरादून। छठ पूजा के दौरान इस बार देहरादून में घाटों पर डीजे बजाने और आतिशबाजी करने पर पूरी तरह रोक रहेगी। पुलिस ने भीड़भाड़ और भगदड़ की आशंका को देखते हुए सख्त कदम उठाए हैं। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यातायात और पार्किंग की विस्तृत योजना भी जारी की गई है।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि छठ पूजा 27 और 28 अक्तूबर को प्रेमनगर, मालदेवता, चंद्रबनी, नेहरू कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में मनाई जाएगी। इस दौरान घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिसकर्मियों के साथ एसडीआरएफ और जल पुलिस की भी तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
एसएसपी ने कहा कि पूजा के दौरान अगर कोई वाहन गलत जगह पार्क किया पाया गया तो उस पर ₹1200 का चालान किया जाएगा और वाहन को टो किया जाएगा। इसके लिए दो क्रेन की व्यवस्था की गई है।
यातायात व्यवस्था:
छठ पूजा के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए कई मार्गों पर डायवर्जन लागू किया गया है।
दून से सहसपुर-विकासनगर जाने वाले वाहन रांघडवाला तिराहा, दरू चौक, बडोवाला, सिंघनीवाला तिराहा और धुलकोट मार्ग से गुजरेंगे।
दून शहर से नंदा की चौकी छठ पूजा में शामिल होने वाले श्रद्धालु रांघडवाला तिराहा और प्रेमनगर चौक के रास्ते पहुंचेंगे।
भाऊवाला और बिधोली से प्रेमनगर जाने वाले वाहन सुद्धोवाला चौक, बालाजी धाम कट और ठाकुरपुर रोड से होकर जाएंगे।
प्रेमनगर से झाझरा, सुद्धोवाला और बिधोली जाने वाले वाहनों को ठाकुरपुर रोड और बालाजी धाम से होते हुए भेजा जाएगा।
धूलकोट तिराहा से भारी वाहनों को सिंघनीवाला की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
यहां रहेगी पार्किंग की व्यवस्था:
पुलिस ने श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए कई पार्किंग स्थल भी निर्धारित किए हैं।
सेलाकुई, झाझरा, प्रेमनगर और दून शहर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन सुभारती कॉलेज, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के पास, नंदा की चौकी पेट्रोल पंप के पास या आसन नदी किनारे पार्क कर सकेंगे।
मालदेवता, रायपुर और बालावाला से आने वालों के लिए मालदेवता रोड पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
वहीं आईएसबीटी, क्लेमेंटटाउन और मोहब्बेवाला क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन चंद्रबनी हाट बाजार मैदान में पार्क कर सकेंगे।
एसएसपी अजय सिंह ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि छठ पूजा के दौरान निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें ताकि यातायात सुचारु रहे और पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।





