देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। सरकार ने राज्य में ‘देवभूमि परिवार योजना’ लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत उत्तराखंड में निवास करने वाले हर परिवार को एक यूनिक पारिवारिक पहचान संख्या (फैमिली आईडी) दी जाएगी।
एक प्लेटफॉर्म पर जुड़ेंगी सभी सरकारी योजनाएं
देवभूमि परिवार योजना का उद्देश्य राज्य की सभी सरकारी योजनाओं, सब्सिडियों और सेवाओं को एकीकृत प्लेटफॉर्म पर लाना है। इस आईडी के माध्यम से नागरिकों को पारदर्शी और सुगम तरीके से सरकारी लाभ पहुंचाया जाएगा। साथ ही योजनाओं के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
हर परिवार की बनेगी डिजिटल पासबुक
योजना के तहत प्रत्येक परिवार का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें परिवार की संरचना, पात्रता और योजनाओं से जुड़ी जानकारी दर्ज होगी। इस आधार पर प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट परिवार पहचान संख्या दी जाएगी।
इस आईडी से परिवार द्वारा प्राप्त सरकारी लाभों की निगरानी की जा सकेगी। परिवारों को एक डिजिटल पासबुक दी जाएगी, जिसमें यह दर्ज होगा कि वे कितनी योजनाओं का लाभ उठा चुके हैं और कौन सी योजनाएं अभी उनके लिए शेष हैं।
पारदर्शिता और अपात्र लाभार्थियों की पहचान
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना से पारदर्शी प्रणाली के तहत पात्र लाभार्थियों तक सीधा लाभ पहुंचाया जा सकेगा। इसके साथ ही, अपात्र लाभार्थियों का चिह्नीकरण भी आसान हो जाएगा।
सरकार का लक्ष्य—‘एक परिवार, एक पहचान’
देवभूमि परिवार योजना उत्तराखंड सरकार के ‘एक परिवार, एक पहचान’ के विजन को साकार करेगी। इससे राज्य में न केवल योजनाओं की पहुंच मजबूत होगी बल्कि जनकल्याण कार्यक्रमों की निगरानी और क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी।





