देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) की ओर से “Apple Festival 2.0” की शुरुआत हो गई है। दो दिवसीय यह महोत्सव राज्य के हिल प्रोडक्ट्स, विशेषकर हर्सिल वैली के सेबों और अन्य स्थानीय जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक प्रयास है।
“Apple Festival 2.0” का आयोजन देहरादून के ONGC ग्राउंड में किया गया है। यह फेस्टिवल 10 और 11 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।
फेस्टिवल में NABARD के साथ राज्य उद्यान विभाग, जिला प्रशासन और कई स्वयंसेवी संस्थाएं साझेदार बनी हुई हैं।

स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हर्सिल, टिहरी, चमोली और बागेश्वर जैसे पर्वतीय इलाकों में उगने वाले सेब, अखरोट, खिर, बुरांश जूस, और अन्य जीआई टैग वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है। NABARD के अधिकारी ने बताया कि यह फेस्टिवल किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए बड़ा मंच साबित होगा।
इस फेस्टिवल में उत्तराखंड के अलग अलग जिलों से आए उत्पादकों ने अपने स्टॉल लगाए हैं, जहाँ आगंतुक स्थानीय जैविक उत्पादों का स्वाद भी ले रहे हैं और खरीद भी कर रहे हैं।
किसानों और उद्यमियों के लिए सुनहरा मौका
NABARD के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि “इस पहल से राज्य के किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी। किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और खरीदारों को शुद्ध पहाड़ी उत्पाद।”
उन्होंने यह भी बताया कि NABARD आगे चलकर “हिल प्रोड्यूस मार्केट लिंकिंग प्रोजेक्ट” के तहत उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी ऐसे फेस्टिवल आयोजित करेगा।
लोक संस्कृति और जैविक स्वाद का संगम
फेस्टिवल में जहां एक ओर जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी ने लोगों को आकर्षित किया, वहीं उत्तराखंड की लोक संस्कृति और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया।
कार्यक्रम में आए स्थानीय कलाकारों ने “झोड़ा” और “छोफला” जैसे लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।





