देहरादून : जिला प्रशासन (Dehradun District Administration) ने सुभारती समूह (Subharti Group) के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹87.50 करोड़ की वसूली वारंट (Recovery Warrant) जारी कर दी है। यह कार्रवाई उन बकायेदारों के खिलाफ की गई है जिन्होंने छह वर्षों से 300 छात्रों से पूर्ण शुल्क (Full Fee Recovery) लेने के बावजूद संस्थान में आवश्यक संरचना उपलब्ध नहीं कराई।

जिलाधिकारी सविन बंसल (DM Savin Bansal) ने कहा कि जनता के धन की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता है और कोई भी बकायेदार बकाया राशि जमा करने से बच नहीं पाएगा। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तहसीलों से बकायेदारों की विस्तृत सूची तैयार कर, विशेष अभियान के तहत वसूली सुनिश्चित की जाए।
साथ ही बताया किअगले कुछ ही दिनों में संस्थान का बैंक खाता सीज (Bank Account Freeze) और संपत्ति कुर्क (confiscate property) करने की कार्रवाई की जा सकती है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने भी डीएम को पूरी वसूली के लिए सिफारिश की थी।
जानकारी के अनुसार सुभारती कॉलेज के 2017-18 बैच के 300 छात्राओं को उचित संरचना न होने के कारण राज्य के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों (Government Medical Colleges) में अंतरित किया गया है। इस कारण राज्य सरकार पर अनपेक्षित वित्तीय भार पड़ा, जबकि संस्था ने छात्रों से बिना काम के शुल्क जमा कर रखा था।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि राजस्व हानि (Revenue Loss) किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बकायेदारों की रिपोर्ट तैयार करें, बड़े बकायेदारों पर प्राथमिकता से कार्रवाई करें और दैनिक प्रगति रिपोर्ट (Daily Recovery Report) प्रस्तुत करें। आवश्यक होने पर कुर्की, नोटिस, बैंक खाता सीज या अन्य विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा, “सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए जनता का धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”





