देहरादून। गोवा के एक नाइट क्लब में शनिवार देर रात हुए भयानक अग्निकांड ने उत्तराखंड के कई घरों के चिराग बुझा दिए। इस हादसे में प्रदेश के कुल नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में पांच लोग क्लब के कर्मचारी थे, जबकि चार लोग घूमने के लिए गए थे। हादसे में तीन सगी बहनों की मौत ने तो परिवार की पूरी खुशियां ही पल भर में छीन लीं।
जानकारी के अनुसार पौड़ी के छानी गांव निवासी 29 वर्षीय सुमित नेगी तीन महीने पहले ही गोवा में नौकरी करने गया था। वह ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ क्लब में शेफ था। आग लगने के बाद दम घुटने से उसकी मौत हुई।
इसी क्लब में काम करने वाले देवप्रयाग के संकुल्ड गांव के 24 वर्षीय जितेंद्र सिंह की भी इस हादसे में जान चली गई। उनके पिता आठ साल पहले लापता हो गए थे और अब इकलौते बेटे के निधन की खबर से परिवार सदमे में है।

टिहरी गढ़वाल के जाखणीधार ब्लॉक के चाह गडोलिया गांव के 27 वर्षीय सतीश राणा भी क्लब में कर्मचारी थे और पिछले एक साल से वहीं काम कर रहे थे। आग की घटना ने उनकी जिंदगी भी छीन ली।
पिथौरागढ़ के गुरना निवासी सुरेंद्र, जो पेशे से कुक थे, एक सप्ताह पहले ही गोवा पहुंचे थे। चार साल जर्मनी में काम करने के बाद, वीज़ा दिक्कतों के चलते वे फिर विदेश नहीं जा पाए। परिवार का सहारा बने सुरेंद्र की शादी मात्र तीन साल पहले हुई थी।
वहीं चंपावत के नेत्र सलान निवासी मनीष सिंह महर भी इसी क्लब में काम करते थे। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनीष का जाना परिजनों के लिए बेहद बड़ा झटका बना हुआ है।

इसके अलावा अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र के चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। ये सभी दिल्ली के करावल नगर में रहते थे और गोवा घूमने गए थे। मृतकों में विनोद कबड़वाल और उनकी पत्नी की तीन बहनें , कमला, अनीता और सरोज शामिल हैं। जबकि विनोद की पत्नी भावना हादसे में बाल-बाल बच गईं। कमला अपनी बहन के साथ-साथ विनोद की भाभी भी थीं। इस एक हादसे ने उनके पूरे परिवार को उजाड़ दिया।
गोवा पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है, वहीं उत्तराखंड सरकार मृतकों के पार्थिव शवों को लाने की तैयारी कर रही है। राज्य में इन मौतों के बाद मातम और मायूसी का माहौल है।





