देहरादून। उत्तराखंड में ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा के बंद होते ही शीतकालीन यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। कई भक्तों ने अभी से ही पर्वतीय गद्दी स्थलों की ओर यात्रा शुरू कर दी है, जिससे वर्ष के दूसरे हिस्से में भी चारधाम पर्यटन की रौनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 24 नवंबर से अब तक कुल 3834 श्रद्धालुओं ने चारधाम के शीतकालीन गद्दी स्थलों पर दर्शन किए। इनमें सबसे अधिक संख्या ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर — जो केदारनाथ धाम का शीतकालीन गद्दी स्थल है — में दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त गंगोत्री धाम के गद्दी स्थल मुखवा में 1165 श्रद्धालु, यमुनोत्री गद्दी स्थल खरसाली में 379 श्रद्धालु पहुँचे। बद्रीनाथ धाम के गद्दी स्थल पांडुकेश्वर में अभी तक किसी श्रद्धालु के दर्शन का रिकॉर्ड नहीं है।
अपर सचिव मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि हाल ही में हुए संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शीतकालीन यात्रा की महत्ता बताते हुए कहा गया था कि उत्तराखंड में यह पर्यटन नई ऊँचाइयाँ छू सकता है। इसके बाद राज्य पर्यटन विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए यात्रा की तैयारियाँ तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने सभी यात्रा मार्गों पर पैच-वर्क व मरम्मत के निर्देश दिए हैं, ताकि टूटे रास्तों से देवी–दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
यात्रियों की सुविधा और आकर्षण बढ़ाने के लिए राज्य की पर्यटन कंपनियों GMVN और KMVN ने अपने आवासों और होटलों में 50 प्रतिशत तक की छूट की व्यवस्था शुरू की है। कई निजी होटल और ट्रैवल एजेंसियाँ भी इस पहल से जुड़ रही हैं। सरकार को उम्मीद है कि इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और कारोबार के अवसर भी मिलेंगे।
शीतकालीन चारधाम यात्रा अब धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रह गई है — बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन, आर्थिक गतिविधियाँ और सांस्कृतिक जीवन को साल भर सक्रिय रखने का एक नया रास्ता बन चुकी है।





