देहरादून। देहरादून की फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने एक रेप केस में आरोपी तेजपाल बिष्ट को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने निर्णय में कहा कि पीड़िता और आरोपी के बीच 2013 से 2018 तक प्रेम संबंध रहे और दोनों ने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए।
फैसले में यह भी बताया गया कि पीड़िता ने खुद क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान स्वीकार किया कि संबंध उसकी इच्छा से बने थे।
फेसबुक से शुरू हुआ संबंध, कई बार साथ रुके
मामला वर्ष 2018 में मसूरी कोतवाली में दर्ज हुआ था। शिकायत में पीड़िता ने बताया था कि दोनों की पहली मुलाकात 2014 में फेसबुक के जरिए हुई थी।इसके बाद वे प्रेमी-प्रेमिका बन गए।कई बार होटलों और गेस्ट हाउस में साथ रुके।इस दौरान पीड़िता कई बार गर्भवती भी हुई और उसने गर्भनिरोधक दवाएं भी लीं।
पीड़िता का आरोप था कि तेजपाल ने शादी से इनकार कर दिया और अक्टूबर 2018 में किसी और से शादी कर ली। इसी के बाद उसने दिसंबर 2018 में बलात्कार का मामला दर्ज कराया।
पीड़िता ने अदालत में बदल दी बात
गवाही के दौरान पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि 2014 से 2017 तक उनका संबंध सामान्य था।शारीरिक संबंध पूरी तरह उसकी सहमति से बने थे। शुरुआत में वह खुद भी शादी के लिए तैयार थी।लेकिन बाद में दोस्तों की सलाह पर पीछे हट गई।
इन बयानों के बाद अदालत ने पाया कि मामला जबरन संबंध का नहीं था।
सहमति से बने संबंध पर रेप का मामला नहीं
पोक्सो कोर्ट की जज रजनी शुक्ला ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जब लंबे समय तक दोनों के बीच सहमति से संबंध रहे हों और पीड़िता स्वयं इसे स्वीकार करे, तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता।
अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद तेजपाल बिष्ट को आरोपों से मुक्त कर दिया है।





