देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी से एक दर्दनाक और हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जहां 10 साल की एक बच्ची गंभीर हादसे का शिकार हो गई।दूसरी मंजिल पर सफाई करते वक्त पैर फिसलने के कारण सरिया मासूम के जबड़े के आर पार हो गया।
कैसे हुआ हादसा
ये हादसा 17 नवंबर को गढ़ी कैंट क्षेत्र के शास्त्रीनगर डाकरा में घटित हुआ। जब पड़ोस में रहने वाली कमलेश कश्यप नाम की महिला ने मात्र 50 रुपये के लालच में बच्ची को अपने घर की दूसरी मंजिल पर लगे सोलर गीजर पैनल की सफाई के लिए भेज दिया।
बताया जा रहा है कि बच्ची जैसे ही पैनल की सफाई कर रही थी, तभी उसका पैर फिसल गया।वह करीब 25 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरी और पड़ोसी के गेट पर लगे नुकीले लोहे के सरिये पर जा गिरी। सरिया उसकी ठोड़ी से जबड़े तक आर-पार हो गया। टक्कर के बाद बच्ची गेट से उछलकर नीचे जा गिरी और मौके पर ही बेहोश हो गई।
हादसे के समय बच्ची के माता-पिता मजदूरी के लिए बाहर गए हुए थे। घटना की आवाज सुनकर पड़ोसी तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्ची को अस्पताल ले गए।
इलाज के लिए चार लाख की मांग
स्थानीय लोगों ने बच्ची को पास के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन आरोप है कि अस्पताल ने इलाज शुरू करने से पहले चार लाख रुपये जमा करने को कहा।गरीब परिवार इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा सका, जिसके बाद बच्ची को दून अस्पताल रेफर कर दिया गया।
दून अस्पताल में बच्ची का इलाज जारी है और उसकी हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
इलाके में मचा आक्रोश
घटना के बाद क्षेत्र में रोष फैल गया है। लोग पूछ रहे हैं कि एक 10 साल की बच्ची को इतने खतरनाक काम के लिए क्यों भेजा गया,और निजी अस्पताल इलाज से पहले इतनी बड़ी राशि कैसे मांग सकता है।





