उत्तराखंड: उत्तराखंड स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन विकास से जुड़े कई सुझाव दिए थे। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सुझावों को अमल में लाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
एक जिला–एक मेला: अब स्थानीय मेले को मिलेगा राजकीय दर्जा
सरकार ने फैसला लिया है कि हर जिले में होने वाले प्रमुख स्थानीय सांस्कृतिक मेलों को राजकीय मेले का दर्जा दिया जाएगा। मेले का आयोजन पहले की तरह स्थानीय लोग ही करेंगे, लेकिन खर्च और सहायता अब सरकार देगी।इसका उद्देश्य स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और लोककला को बढ़ावा देना है।
हर ब्लॉक में बनेगा एक ‘आध्यात्मिक गांव’
राज्य के 95 ब्लॉकों में से प्रत्येक में एक गाँव को स्पिरिचुअल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। यहाँ योग, अध्यात्म और आयुर्वेद से जुड़े प्रशिक्षण, गतिविधियाँ और पर्यटन सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
अल्मोड़ा के द्रोणगिरी क्षेत्र, चंपावत के श्यामलाताल–देवीधुरा जैसे स्थानों में ‘स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन’ की संभावनाओं का सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना
सीएम धामी ने अधिकारियों से कहा कि शीतकालीन यात्रा के लिए जीएमवीएन और केएमवीएन विशेष छूट पैकेज तैयार करें।हर जिले में पर्यटन स्थलों की पहचान कर आकर्षण बढ़ाने के लिए अलग योजना बनाई जाए।जीआई टैग वाले उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति बनाई जाए और शहरों में सफाई और ग्रीन बेल्ट पर जोर दिया जाए।साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि शहरों और कस्बों में ग्रीन बेल्ट विकसित की जाए। बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और मुख्य बाजारों में नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।प्रदेश के बड़े शहरों में बढ़ते ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए भी एक मजबूत प्रणाली तैयार की जाएगी।
खराब सड़कों पर विशेष फोकस
सीएम धामी ने बताया कि जिन इलाकों में सड़कें बार-बार खराब हो जाती हैं, वहां निगरानी बढ़ाई जाएगी और स्थायी समाधान की दिशा में काम होगा।जिला अस्पतालों में नियमित औचक निरीक्षण किया जाए।उन्होनें सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित समीक्षा करें और अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें।औचक निरीक्षण का उद्देश्य इलाज में देरी, स्टाफ की कमी या उपकरणों की समस्या जैसी दिक्कतों को तुरंत कम करना है।





