देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक मामले में अब सीबीआई की एंट्री हो गई है। जांच एजेंसी ने देर रात इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने इस केस में खालिद, सुमन, साबिया और हीना को आरोपी बनाया है। यह मुकदमा देहरादून एसीबी शाखा में नकल विरोधी कानून के तहत दर्ज किया गया है। जांच की जिम्मेदारी असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट राजीव चंदोला को सौंपी गई है।
यह मामला 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा से जुड़ा है, जिसे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित किया गया था। परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक सेंटर से पेपर लीक होने की बात सामने आई थी। इस खुलासे के बाद युवाओं ने परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए 21 सितंबर की रात से देहरादून के परेड ग्राउंड पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
इस बीच, पुलिस ने अपनी जांच में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि सरकार ने इस मामले में एकल जांच आयोग भी गठित किया था। बावजूद इसके, अभ्यर्थी सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े रहे थे।
जिसके बाद 29 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद धरनास्थल पर पहुंचे और युवाओं से बातचीत के दौरान वहीं से सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा की। अगले दिन शासन की ओर से औपचारिक रूप से जांच की सिफारिश का पत्र जारी कर दिया गया था।
इसके बाद से राज्य पुलिस और मुख्यालय लगातार केंद्रीय विभागों के साथ समन्वय बनाए हुए थे। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री धामी ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा भी की थी। अब डीओपीटी (कर्मचारी एवं प्रशिक्षण विभाग) से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने औपचारिक रूप से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस और जांच एजेंसियों का कहना है कि पेपर लीक से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जाएगी, ताकि दोषियों को सख्त सजा दी जा सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।





