देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) एक बार फिर विवादों में है। बुधवार देर शाम आयोग ने 5 अक्टूबर को प्रस्तावित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को अचानक स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया। इस फैसले से लाखों अभ्यर्थी हैरान और नाराज़ हैं।
हालिया पेपर लीक के बाद बढ़ा अविश्वास
राज्य में हाल ही में सामने आए पेपर लीक प्रकरण के बाद पहले से ही परीक्षार्थियों में गुस्सा और अविश्वास का माहौल है। ऐसे में आयोग का यह कदम अभ्यर्थियों के लिए संदेह और बेचैनी को और बढ़ा रहा है। आयोग ने कारण बताया कि तैयारियों को और मज़बूत करने और अभ्यर्थियों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है, लेकिन परीक्षार्थी इसे सीधे हालिया घोटाले और जांच के दबाव से जोड़कर देख रहे हैं।
कौन-कौन सी परीक्षाएं टलीं?
स्थगित की गई परीक्षा में सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 और सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) की भर्ती शामिल थी। खास बात यह है कि इसके लिए आयोग की बोर्ड बैठक और मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में तैयारियों की समीक्षा भी हो चुकी थी।
आयोग के दावे और अचानक यू-टर्न
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि “तैयारियां पूरी हैं और परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर दो घंटे पहले बुलाया जाएगा।” बावजूद इसके, अचानक परीक्षा स्थगित होने के आदेश ने सभी को चौंका दिया।





