देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में अब एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा (टिहरी गढ़वाल) की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है मामला?
रविवार को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पेज लीक हुए थे।जांच में सामने आया था कि केंद्र से बाहर भेजे गए प्रश्नपत्र की फोटो प्रोफेसर सुमन तक पहुंची थी। जिसके बाद सुमन ने इस प्रश्नपत्र को हल कर उत्तर तैयार किए और प्रशासन को देने के बजाय इसे बॉबी पंवार को भेज दिया, जिससे पेपर वायरल हो गया।
पहले से ही खालिद से संपर्क
जांच रिपोर्ट के अनुसार, प्रोफेसर सुमन पेपर बाहर भेजने वाले आरोपी खालिद के संपर्क में पहले से थीं।खालिद ने ही उन्हें प्रश्नपत्र हल करने के लिए प्रेरित किया था।इस पूरे प्रकरण में सुमन की भूमिका को गंभीर माना गया है।
सरकार की सख्ती
उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी ने आदेश जारी कर सुमन को निलंबित कर दिया है।निलंबन अवधि में उन्हें उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी में संबद्ध किया गया है।आदेश में कहा गया है कि शिक्षक के रूप में उनका यह कृत्य अमर्यादित और अस्वीकार्य है, जिससे राज्य सरकार की छवि धूमिल हुई है और जब तक अनुशासनिक कार्रवाई पूरी नहीं होती, उन्हें निलंबित रखा जाएगा।
इससे पहले भी हुई कार्रवाई
इस मामले में लापरवाही बरतने पर सेक्टर मजिस्ट्रेट को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। अब प्रोफेसर सुमन को भी निलंबित के दिया गया है।
बेरोजगार संघ की दलील
बेरोजगार संघ का कहना था कि सुमन ने यह मामला उजागर किया है, लेकिन शासन के आदेश में साफ लिखा गया है कि वह खालिद के संपर्क में थीं और उनकी मंशा भी गलत थी।





